जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान (IGIB), नई दिल्ली और कोशिकीय और आणविक जीवविज्ञान केंद्र (CCMB), हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने नोवल कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण पर अनुसंधान कार्य करना शुरू कर दिया है। ये दोनों ही संस्थान वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान केंद्र (ICSR) के सहयोगी संस्थान हैं। यह एक नया वायरस है और इस अनुसंधान का उद्देश्य इस वायरस के विभिन्न पहलुओं के बारे में सटीक जानकारी हासिल करना है। यह अध्ययन वायरस के विकास को समझने के साथ यह समझने में भी मदद करेगा कि यह वायरस कितनी तेजी से फैल सकता है। जिन रोगियों में कोविड – 19 का परीक्षण सकारात्मक पाया गया है, उनसे नमूने प्राप्त कर इस वायरस के अनुक्रमण पर अनुसंधान किया जा सकता है।
वायरस का एक नया रूप है नोवल कोरोना वायरस
नोवल कोरोना वायरस, वायरस का एक नया रूप है। इस अध्ययन से वायरस के विकास को समझने में मदद मिलने के साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी कि यह वायरस कितना विविध है और यह कितनी तेजी से विकसित हो सकता है और इस वायरस के भावी पहलू क्या हो सकते हैं।
क्या है जीनोम अनुक्रमण की विधि
जीनोम अनुक्रमण विधि ही किसी भी जीव के जीनोम के पूर्ण डीएनए अनुक्रमण को निर्धारित करती है। इस अनुसंधान में सही परिणाम पाने के लिए बहुत बड़ी संख्या में नमूनों के अध्ययन की आवश्यकता होती है। पर्याप्त डाटा के बिना, दिए गए निष्कर्ष गलत या अपूर्ण हो सकते हैं।