केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने 29 मार्च 2020 को एक महत्त्वपूर्ण घोषणा की। इस घोषणा के अनुसार सऊदी अरब ने भारत को भरोसा दिलवाया है कि वह कोविड 19 के खतरे के बावजूद निर्बाध एलपीजी गैस आपूर्ति करता रहेगा। सऊदी अरब ने भारत को भरोसा दिया है कि एलपीजी गैस की सप्लाई में कमी नहीं होगी।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कच्चा तेल और एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा कच्चा तेल के वैश्विक बाजार में चल रही गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए सऊदी अरब के तेल मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान के साथ 29 मार्च 2020 को बातचीत की। यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर दी है।
भारत में एलपीजी
भारत पूरी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा ऐसा देश है, जो एलपीजी गैस का सबसे अधिक आयात करता है। भारत मध्यपूर्व के देशों जैसेकि, कतर, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत से एलपीजी गैस की आपूर्ति का आधा हिस्सा आयात करता है। सऊदी अरब भारत को न केवल कच्चा तेल देता है बल्कि भारत के लिए तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा स्रोत है। भारत सरकार द्वारा शुद्ध ईंधन को बढ़ावा देने के साथ ही भारत में एलपीजी गैस का इस्तेमाल बढ़ा है। वर्ष 2018-19 में देश में पिछले वर्ष की तुलना में एलपीजी गैस का इस्तेमाल 6.9 फीसदी तक बढ़ा। वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 6.7 फीसदी तक बढ़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में एलपीजी गैस के आयात में 15.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2018-19 में भारत में 24.9 मिलियन टन एलपीजी गैस की खपत हुई थी। भारत में उज्ज्वला कार्यक्रम शुरू होने के बाद यह खपत काफी बढ़ गई है।
भारत में एलपीजी और केरोसिन
भारत में एलपीजी के बढ़ते हुए इस्तेमाल के साथ ही मिट्टी के तेल अर्थात केरोसिन की खपत में कमी आई है। भारत में केरोसिन की बिक्री में वर्ष 2018-19 में 10 फीसदी की गिरावट आई। भारत सरकार भी धीरे-धीरे देश में केरोसिन को घरेलू ईंधन के तौर पर बेचने पर रोक लगा रही है। वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक वितरण की दुकानों पर रियायती दरों पर केरोसिन बिक रहा है।