मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया। कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को सौंप दिया है। उन्होंने इस्तीफे की घोषणा पत्रकारों से बात करते हुए की। शक्ति परीक्षण के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र 20 मार्च 2020 को दोपहर दो बजे बुलाई गई थी, लेकिन कमलनाथ ने इससे पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यह सरकार महज 15 महीने ही चल सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 2020 को राज्य की कमलनाथ सरकार को 20 मार्च 2020 को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया था।
क्यों बनी यह स्थिति
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है। इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिये हैं, जबकि अन्य 16 के इस्तीफे अब तक मंजूर नहीं हुए हैं। यदि इन 16 बागी विधायकों में से कम से कम 13 बागी विधायक कांग्रेस के पक्ष में मतदान करते हैं, तो तभी यह सरकार बच सकती है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) का निधन हो जाने से वर्तमान में दो सीटें खाली हैं तथा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये गये हैं। इस प्रकार अब सदन में कुल 222 सदस्य रह गये हैं।