प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Corona virus) को लेकर देश को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ‘जनता कर्फ्यू’ लगाएं। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार 22 मार्च 2020 को सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकलें। जनता कर्फ्यू जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू है। उन्होंने जनता कर्फ्यू को जनता के लिए, जनता द्वारा, खुद पर लगाया गया कर्फ्यू कहकर परिभाषित किया। उन्होंने देशवाशियों से आग्रह किया कि जनता कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाओं से संबंधित लोगों के अतिरिक्त कोई भी नागरिक घरों से बाहर नहीं निकलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये ‘जनता कर्फ्यू’ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। उन्होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।
ब्लैक आउट पर भी बोले
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी तो गांव-गांव में ब्लैक आउट किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे।
भारत का क्या हाल
कोरोना वायरस फैलने की चार अलग-अलग स्टेज हैं। इनमें से भारत दूसरी स्टेज में है। पहले स्टेज में वह स्थिति आती है, जिसमें किसी दूसरे देश से संक्रमित व्यक्ति हमारे देश में आए। दूसरी स्टेज जिससे फिलहाल भारत गुजर रहा है। इसमें विदेश से आए संक्रमित व्यक्ति से स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलने लगता है। तीसरा स्टेज होता है सामुदायिक प्रसारण, जिसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर तेजी से फैलने लगता है और एक या दो लोगों की बजाय कई इलाके प्रभावित हो जाते हैं। इसमें बिना विदेश यात्रा किए भी लोगों में संक्रमण पाया जाने लगता है। चौथी स्टेज में यह संक्रमण महामारी बन जाता है जैसे की चीन में हुआ और भारी संख्या में लोगों की मौत होने लगती है।